देशभर के जैन समुदाय की ओर से ओड़िशा के पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के खिलाफ कई जगहों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. सालखन मुर्मू ने कहा था कि पारसनाथ मंदिर आदिवासियों का मरांग बुरू है
यह उन्हें नहीं सौंपा गया, तो वे जैन मंदिरों को ध्वस्त कर देंगे. जैन समाज के लोग इस बयान से काफी नाराज हैं. इसको लेकर कई थानों में शुक्रवार को शिकायत दर्ज करायी गयी. जैन समाज के लोगों ने सालखन मुर्मू के खिलाफ पांच राज्यों में पुतला दहन का कार्यक्रम भी तय किया है.
जानकारी के अनुसार, पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने 9 फरवरी को यह बयान दिया था. वहीं, उनके बयानों का विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन ने आलोचना की थी, और झारखंड सरकार से इसपर कार्रवाई की मांग की है.
इस बयान को लेकर देश के कई राज्यों में जैन समाज विरोध प्रदर्शन भी कर रहा है. इधर, पारसनाथ पहाड़ को लेकर आदिवासी सेंगल अभियान के जरिए लोगों ने झारखंड समेत पश्चिम बंगाल, ओड़िशा समेत पांच राज्यों में रेल और चक्का जाम किया था. पारसनाथ पर अपने दावे को लेकर वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि मरांग बुरू पर पहला अधिकार आदिवासियों का है. इसलिए केंद्र और राज्य सरकार, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग बहुपक्षीय वार्तालाप शुरू करें.
मरांग बुरु को आदिवासियों को अविलंब सुपुर्द करने की मांग संबंधी विस्तृत पत्र सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 14 जनवरी 2023 को प्रेषित कर दिया था. इसमें कहा गया था कि मरांग बुरू अर्थात पारसनाथ पहाड़ को अविलंब आदिवासियों को सुपुर्द किया जाए. हमें राम मंदिर आंदोलन की तरह उग्र एवं आक्रामक होने के लिए मजबूर न किया जाए.
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